
Bikaner News राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। रायसर मार्ग स्थित आदर्श विद्या मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, नोखा में तुलसी पूजन दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रेरणादायी एवं विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वन्दना सभा के पश्चात तुलसी की विधिवत आरती एवं परिक्रमा के साथ हुआ।



कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजेश स्वामी ने अपने संबोधन में आधुनिकता के नाम पर समाज में गहराते जा रहे मानसिक उपनिवेशवाद पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक पहचान के प्रति सजग रहने तथा आत्मगौरव से परिपूर्ण जीवन जीने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग अनजाने में ही सॉफ्ट प्रोपेगंडा का शिकार बन रहा है। पश्चिमी बाज़ार और ईसाईयत द्वारा सेंटा क्लॉज़ जैसे पात्रों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया गया है, ताकि बाल मन में यह धारणा बैठाई जा सके कि जो उपहार देता है वही श्रेष्ठ है। यह आस्था का विषय नहीं, बल्कि एक सुनियोजित मनोवैज्ञानिक ब्रेन-वॉशिंग है।
भारतीय जीवन-दर्शन को स्पष्ट करते हुए वक्ता ने तुलसी और पाश्चात्य सजावटी वृक्षों के बीच के गहन दार्शनिक अंतर को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जहाँ एक संस्कृति उत्सवों के नाम पर वृक्षों को काटना सिखाती है, वहीं भारतीय संस्कृति तुलसी जैसे पौधों को सहेजकर और सींचकर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सिखाती है। तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय चेतना, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आध्यात्मिक संतुलन का जीवंत प्रतीक है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंग्रेज़ी भाषा पढऩा या तकनीक का उपयोग करना अनुचित नहीं है, किंतु अपनी परम्पराओं को पुराना कहकर उनका उपहास उड़ाना सबसे बड़ी मानसिक गुलामी है। जो जड़ें जितनी पुरानी और गहरी होती हैं, वृक्ष उतना ही गगनचुंबी बनता है। अपनी जड़ों को त्यागकर कोई भी समाज महान नहीं बन सकता।इस अवसर पर विद्या मन्दिर के आचार्यगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।



