पांचवे दिन स्वयंसेवकों ने किया सर्वेक्षण,व्यक्ति नहीं विचार है महत्वपूर्ण

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। राजकीय डूँगर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष सात दिवसीय शिविर के पांचवें दिन स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए विद्वान प्रो.डॉ.चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने कहा कि भारत देश भावपूर्ण है; यहां वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा की संस्कृति सदियों से विद्यमान है।

 

भारत मे सामाजिक समरसता के लिए हमें यह जानना होगा कि हम उस परमपिता के ही अंश है औऱ हममें परस्पर कोई भेद नहीं है। दक्षता आधारित प्रशिक्षण के लिए हसन खान, केंद्र प्रबंधक, ए. यू.” फाउंडेशन ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान युग में विद्यार्थियों को सैद्धांतिक शिक्षा के साथ दक्षता आधारित कौशल का ज्ञान भी होना चाहिए। उन्होंने बैंकिंग एवं फाइनेंस तथा होटल मैनेजमेंट कोर्स की बारीकियां बताई। इस अवसर पर डॉ.बिंदु भसीन, डॉ. अस्मा मसूद, डॉ. शमिंद्र सक्सेना, डॉ मीनाक्षी चौधरी एवं डॉ. शशिकांत आचार्य भी शिविर में मौजूद रहे।

पांचवे दिन स्वयंसेवकों ने किया सर्वेक्षण,व्यक्ति नहीं विचार है महत्वपूर्ण

डॉ. शमिंद्र सक्सेना ने साक्षत्कार के विषय में तथा डॉ. शशिकांत आचार्य ने प्रतियोगी परीक्षा के विषय मे अपने विचार साझा किए। दुपहर में स्वयंसेवकों के साथ रिडमलसर ग्रामीण क्षेत्र का सर्वेक्षण कार्य डॉ. राजेंद्र सिंह एवं डॉ. केसरमल के नेतृत्त्व में सम्पन्न हुआ। शिविर स्थल पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निर्मल कुमार रांकावत, डॉ. संपत लाल भादू उपस्थित रहे।

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