कुलपति पर लगाए गंभीर आरोप,बोले-शिक्षा का संस्थान नहीं बल्कि बना दिया व्यापारिक संस्थान,पढ़ें खबर

-विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर प्रेस वार्ता
-एबीवीपी बोली-छात्रों में आक्रोश
राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। विश्वविद्यालय में अनियमितताओं और पैसे का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी ने आज एक प्रेस वार्ता आयोजित की। जिसमें कृषि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया गया कि स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में फीस वृद्धि, भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं को लेकर एबीवीपी में आक्रोश है।

 

छात्रों का कहना है कि कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों से भारी भरकम फीस वसूली जा रही है। वहीं कुलपति और प्रशासन के कुछ अन्य अधिकारी विलासिता को बढ़ावा देने में व्यस्त है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने में खर्च होने वाली राशि का दुरुपयोग कर अनावश्यक कार्यों में खर्च कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षा और संसाधनों के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्रों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है, उनके अभिभावकों से माफी मंगवायी जा रही है और उन्हें यह चेतावनी दी जा रही है कि अगर वे अपनी शिकायतों को सार्वजनिक करेंगे तो उनकी डिग्री खराब कर दी जाएगी।

 

छात्रों ने बताया कि 23 दिसंबर 2023 को आचार्य व सह-आचार्य के पद पर कुल 13 नियुक्तियां दी गई, नियुक्त किये गए अभ्यर्थियों की औसत उम्र 58 वर्ष है। छात्रों का कहना है कि कुलपति ने इतने उम्रदराज लोगों का चयन कर न केवल विश्वविद्यालय को क्षति पहुंचाई है, अपितु राज्य सरकार को भी आर्थिक चोट दी है। छात्रों का आरोप है कि एक व्यक्ति को आचार्य के पद पर नियुक्ति दी है, जिन पर यूपीसीएआर लखनऊ में वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही है और पुलिस वैरिफिकेशन नहीं होने के उपरांत भी चयन कर नियुक्ति दी गई, जो कि एक गंभीर जांच का विषय है।

एग्रीविजन के प्रांत संयोजक नवीन चौधरी ने कुलपति पर सवार उठाते हुए कहा कि जहां विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों की शिक्षा और शोध होना चाहिए, वहां कुछ प्रमुख अधिकारियों के व्यक्तिगत लाभ के लिए संस्थान को एक व्यापारिक संस्थान में बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के नजदीक औद्योगिक इकाईयों के सड़ांध मारते पानी व अपशिष्ट पदार्थों का ढेर लगा है, जिसकी वजह से परिसर में रहने वाले विद्यार्थियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, ये मामले शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार और प्रशासनिक गैरजिम्मेदारी की ओर इशारा करता है। जिससे केन्द्र व राज्य सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे है, जिस पर त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता है।

इन सभी मांगों व समस्याओं को लेकर विद्यार्थी परिषद सोमवार को ज्ञापन, प्रदर्शन व आंदोलन शुरू करने जा रही है। छात्रों ने बताया कि समय रहते मांगे नहीं मानी गई और जांच कमेटियां गठित नहीं की गई तो उग्र प्रदर्शन करते हुए संबंधित सभी महाविद्यालय को आंदोलन में शामिल किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय कुलपति व प्रशासन की होगी।

इस दौरान प्रांत सहमत्री मोहित जाजड़ा, महानगर मंत्री मेहुल शर्मा, प्रांत कार्यसमिति सदस्य पूनम व महानगर एग्रीविजन संयोजक मानवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

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