देवउठनी एकादशी को इस मुहूर्त में करें पूजा तो होगा मंगल ही मंगल

राजस्थान 1st न्यूज,बीकानेर। देवउठनी एकादशी का दिन बड़ा शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इसका व्रत साल के सबसे बडे व्रतों में शामिल है। हिंदू धर्म में कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष के दिन आने वाली एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। दरअसल, इसी दिन भगवान विष्णु चार माह बाद अपने शयनकाल यानी योग निद्रा से जागते हैं इसलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवउठनी एकादशी को प्रबोधनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी भी कहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन किस मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करना अति उत्तम रहेगा।

देवउठनी एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त 2024
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 56 मिनट से सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। वहीं पूजा के लिए प्रात संध्या मुहूर्त सुबह 5 बजकर 22 मिनट से शाम 6 बजकर 42 मिनट तक।
एकादशी का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। देवउठनी एकादशी का पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजकर 42 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रहेगा दोपहर 1 बजकर 1 मिनट का।

 

देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी और तुलसी माता की पूजा करें
देवउठनी एकादशी के दिन तामसिक चीजों से दूर रहें
देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी न करें
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी में न जल दें और न इसके पत्ते को तोड़ें
देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को फल, मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही तुलसी भी जरूर अर्पित करें

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